कोरोना से ठीक होने बाद भी ये 3 लक्षण दिख रहे हैं तो सतर्क हो जाएं, जान भी खो सकते हैं

कोरोना से ठीक होने बाद भी ये 3 लक्षण दिख रहे हैं तो सतर्क हो जाएं, जान भी खो सकते हैं

सेहतराग टीम

कोरोना की दूसरी लहर भारत पर कितनी भारी पड़ी, यह मौत के आंकड़े और स्वास्थ्य सेवाओं की हालत देखकर पता चलता है। गनीमत है कि कोरोना के 80 प्रतिशत मामले घरों में ही ठीक हो रहे हैं। क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता तो शायद मौत के आंकड़े कितने होते इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल हो जाता। पर ऐसे लोग जो अब भी कोरोना की चपेट में हैं और हर रोज इससे एक लड़ाई लड़ रहे हैं। उनके लिए एक्सपर्ट ने तीन लक्षणों को चिन्हित किया है।

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इन लक्षणों के जरिए आप जान सकते हैं कि, क्या आपकी या परिवार के किसी व्यक्ति की स्थिति कोरोना वायरस की वजह से बिगड़ तो नहीं रही। आइए, जानते हैं कोविड के इन तीन लक्षणों के बारे में जो आपकी स्थिति की गंभीरता को बता सकते हैं...

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

कोविड वायरस के शुरुआती लक्षण सभी में लगभग एक जैसे होते हैं। हालांकि ज्यादातर मरीजों की स्थिति 5वें दिन के बाद या तो सुधरने लगती है या फिर बिगड़ने लगती है। लेकिन समय पर इलाज कराने और डॉक्टर को दिखाने से व्यक्ति को मरने से बचाया जा सकता है। ऐसे में कोविड के गंभीरता के लक्षणों का पता होना और समय पर इनकी पहचान बेहद जरूरी है।

कोविड से जुड़े कुछ लक्षण जिनके बारे में आप जानते होंगे, जैसे- ऑक्सीजन लेवल का नीचे जाना, चेस्ट पेन होना, सांस लेने में दिक्कत आना आदि। लेकिन सेंट स्टीफेंस हॉस्पिटल के नामी डॉक्टर मैथ्यू वर्गीज बताते हैं कि कोरोना के कुछ अन्य लक्षण भी हैं जो मरीज को एक बहुत ही मुसीबत में डाल सकते हैं। इन लक्षणों को पहचान कर आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

6 दिन से ज्यादा रहे बुखार तो हो जाएं अलर्ट

कोरोना के मामलों में सबसे पहले लक्षणों में से एक है बुखार। हालांकि सभी मामलों में बुखार गंभीर हो जाए ऐसा देखा नहीं गया है। लेकिन अगर कोविड के मरीज को बुखार 4 से 5 दिन तक रहता है और कम नहीं होता तो यह एक खतरे की घंटी हो सकता है। डॉक्टर वर्गीज के मुताबिक, कोरोना से लड़ रहे मरीज को शुरुआत के 7 दिनों तक बहुत सतर्क रहने की जरूरत होती है। अगर व्यक्ति को बुखार हो और यह ठीक होने के एक दो दिन बाद फिर से लौट आए, तो स्थिति गंभीर हो सकती है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना के दौरान अगर बुखार 6 दिन से ज्यादा होता है तो यह एक गंभीरता की निशानी होती है। बुखार इस बात का संकेत होता है कि वायरस आपके टिशूज पर अटैक कर रहा है। यही कारण है कि संक्रमित मरीजों के लिए शुरुआत के 5 से 7 दिन बहुत महत्वपूर्ण माने गए हैं। यही समय होता है जब साइटोकिन्स फैलता है।

​इस तरह की खांसी को न लें हल्के में

कोरोना के कारण कफ होना स्वाभाविक है, बल्कि यह एक लक्षण है जो शुरुआती दिनों में ही देखने को मिलता है। लेकिन अगर आपको निरंतर खांसी या इरिटेशन हो रही है तो इसे हल्के में लेना बहुत ज्यादा भारी पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, कोरोना के दौरान सूखी खांसी या बिना बलगम के होने वाली खांसी आपकी खराब स्थिति और गंभीर इंफेक्शन की ओर इशारा कर रही है।

वहीं, अगर आपको लगातार खांसी या जलन की समस्या है तो यह निमोनिया की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में सूखी खांसी या बिना बलगम की खांसी लंबे समय तक होने पर इसे गंभीरता से लें।

सांस लेते या छोड़ते समय चेस्ट में पेन

कोरोना से ठीक होने की दिशा में आगे बढ़ रहे मरीज को अगर चेस्ट में किसी तरह की दिक्कत एक सिग्नल हो सकती है। अगर आप कोरोना से ठीक हो रहे हैं लेकिन आपको सांस लेते या छोड़ते समय चेस्ट में पेन या घबराहट होने लगती है तो इस स्थिति को गंभीरता से लें। यह संकेत बताते हैं कि वायरस अब श्वास प्रणाली के अंदर तक पहुंच चुका है। ऐसे में यह स्थिति आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, साथ ही ठीक होने की प्रक्रिया को अधिक लंबा बना सकती है।

(साभार- नवभारत टाइम्स)

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